रवि किशन इन दिनों फिल्म और वेब सीरीज के लिए खूब धूम मचा रहे हैं। किरण राव के डायरेक्शन में बनी लापता लेडीज में वह अहम भूमिका में हैं। फिल्म निर्माता में लगी हुई है। इसके अलावा उनकी वेब सीरीज के अलावा चक्कर लीगल पर भी रिलीज हुई है। जिसमें वह एक वकील की भूमिका में हैं। रवि किशन इन दिनों प्रमोशन में बिजी हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि उनके पिता के साथ अच्छे दोस्त नहीं थे। वह अपनी बहुत सारी सलाह देते थे। घर से भाग जाने में उनकी मां ने मदद की और तब वह मुंबई पहुंचीं।
घर पर मौजूद थी लैपटॉप
रवि किशन ने ब्रूट से अपने पिता के बारे में बातचीत में कहा, ‘वह एक पुजारी थे और एक ब्राह्मण के पद पर थे, वह हमेशा चाहते थे कि मैं धार्मिक कार्य, खेती या सरकारी नौकरी करूं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके परिवार में एक कलाकार का जन्म उनके घर में हो सकता है। फोर्ब्स में डांस करना या सीता का रोल करना, उनका 360 डिग्री का झटका था। वह नष्ट हो गए थे। वह सही थे। वह डिक्री थे और मैं सीखता था। वह डिक्लेयर थे और मेरी जिंदगी की पाठ्यपुस्तकें। उनकी हर मर मेरे लिए सीखने की तरह थी। जिंदगी की सीख थी। इस वजह से बने रवि किशन.’
पिता को बाद में हुआ गर्व
रवि किशन ने आगे कहा, ‘वे जैसे भी थे मेरे गुरु थे।’ वह अब दुनिया में नहीं हैं लेकिन आख़िरकार वह बहुत खुश थीं। जब मैंने बहुत पैसे कमाए। मृत्यु से पहले उनकी आँखों में फूल भी थे कि तुम हमारा गौरव हो। हमें गर्व है।’
घर से मुंबई कैसे जाएं
घर से 500 रुपये लेकर रवि किशन मुंबई थे। उन्होंने मुंबई की यात्रा पर कहा, ‘मेरी मां ने पैसे दिए थे। पापा मार देते हमको जान से। तो माँ ने हमको भगाया गाँव से। मैं जान बचा के भागा था। साफ़ था कि किस्मत जब बनती है ना… जो मुझे लगता है कि साड़ी की चीज़ें पहले से लिखी हुई हैं। अगर मैं किसी डांस स्टार के डांसर बन गया, तो मेरी आवाज ऐसी लग गई या मुझे नीड को समझ आ गया, मुझे जिंदगी की सीख मिल गई। अभिनय या मेरी जादुई शक्ति मजबूत होने लगी थी तो यही था कि मुझे सिनेमा में, पोर्टेबल फ़ील्ड में ही जाना जाता है और मुझे शामिल किया गया था और मैं लड़ता रहा, लड़ता रहा। ‘वहाँ पे भी एक लंबी लड़ाई वाली लड़की है।’
भोजपुरी इंडस्ट्रीज़ के सुपरस्टार रवि किशन का परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जंगलों में रहता है।