राजेश खन्ना रोचक तथ्य: कहा जाता है कि राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के पहले स्टार थे और जो स्टारडम उन्होंने देखा वह किसी और अभिनेता से मिला ही नहीं। शॉर्ट के चांद साल के बाद ही उन्हें किस्मत ने चमकाने का मौका दिया और इस मौके को उन्होंने कैश कर लिया। इसके बाद शुरू हुआ एक स्टार का सफ़र और इस यात्रा का ज़िक्र हो क्षितिज ही कम है। खन्ना ने 1966 में आखिरी खत फिल्म से अभिनेत्रियों की दुनिया में कदम रखा था।
3 साल में ही हाथ लगी लड़की
1966 में डेब्यू के बाद राजेश खन्ना को 1969 में दो ऐसी अनमोल फिल्में मिलीं, जिनमें उनके किरदार को पूरी तरह से चमका दिया गया। पहली फिल्म थी सारंगी. 1969 में रिलीज हुई इस फिल्म में राजेश खन्ना के साथ अभिनेत्री शर्मीला टैगोर शामिल थीं। फिल्म की कहानी, गाने सब कुछ दमदार था नजर इन लोगों की कहानियों के बारे में। फिल्म में पहली बार राजेश खन्ना डबल रोल में दिखे थे। जब इस फिल्म में बनी किसी ने तब तक नहीं सोचा था कि ये खन्ना और शर्मिला टैगोर की किस्मत को यूँ पलट दिया जाएगा।
दो राहों ने बनाई दी जिंदगी
इसी साल रिलीज हुई दो-तरफा जबरदस्त हिट फिल्म रही और इस बार राजेश खन्ना की जोड़ी बनीं एक्ट्रेस मुमताज के साथ। फिल्म के गाने एक से उग्र एक थे तो उस दौर के अकाउंट से कहानी दिल को छूने वाली थी। तो बस फिर क्या था राजेश खन्ना की ये फिल्म भी जबरदस्त हिट हो गई और वो रातों रात फिल्मों के उन शेयरों पर जा बैठे जहां पहुंचने का सपना हर किसी का होता है। उस वक्त राजेश खन्ना ने फिश मुंह से कहा कि उन्हें असमान ही मिल जाता है।
सफलता के बाद असफलता का दौर
कहा जाता है कि इसके बाद राजेश खन्ना की फिल्में भी रुकीं, वो हिट ही रहीं और ये फिल्में काफी समय तक साथ रहीं। लेकिन फिर एक दौर आया फ्लॉप का और तीन स्टारडम के बाद के खुलासे के लिए इस दौर में राजेश को देखना आसान नहीं था।