फिल्मी जगत के लिए 30 सितंबर खास रहा क्योंकि उस दिन 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों आशा पारेख को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
Asha Parekh: मेरी सारी तमन्नाएं पूरी हो गईं…- दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिलने के बाद आशा पारेख की छलकी खुशी
हाइलाइट्स
- आशा पारेख को मिला दादा साहब फाल्के अवॉर्ड
- आशा पारेख ने अवॉर्ड मिलने के बाद किया रिएक्ट
- नेशनल फिल्म अवॉर्ड में सूर्या और अजय देवगन की धूम
आशा पारेख ने दी कई हिट फिल्में
बता दें कि आशा पारेख ने कई हिट फिल्में देने के अलावा सेंसर बोर्ड अध्यक्ष की भी कमान संभाली थी। वह पहली महिला थीं जिन्हें सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष (1998 से 2001 के बीच) नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं उन्हें सिंटा (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स असोसिएशन) का प्रेजीडेंट भी बनाया गया था।
इन्हें मिला नेशनल अवॉर्ड
नेशनल फिल्म अवॉर्ड में सूर्या की फिल्म ‘सोरारई पोटारू’ को बेस्ट फिल्म, हिंदी मूवी ‘तान्हाजी’ के लिए अजय देवगन को बेस्ट एक्टर, फीचर फिल्म कैटगरी में सूर्या को बेस्ट एक्टर, ‘तान्हाजी को बेस्ट पॉप्युलर फिल्म, फिल्म ‘साइना’ के लिए मनोज मुंतशिर को बेस्ट लिरिसिस्ट समेत अन्य को नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।