पवन सिंह जिन पांच फिल्मों के लिए सारेगामा कैंप में एंट्री मिली है उन फिल्मों के नाम हैं – निर्भय खान, योगी, रुद्र, सनक और बिहार। यह सभी फिल्में अलग-अलग हैं और इसके लिए पवन सिंह ने सारेगामा हम भोजपुरी के साथ-साथ सारेगामा के सीएमडी विक्रम महाराजा और बद्रीनाथ झा का भी अभिनय किया है। पवन सिंह ने कहा है कि वे इस फिल्म के लिए उत्सुक हैं। कर्म ही पूजा है। कागज वह सिंगिंग हो या अभिनय हो हम पूरी तन्मयता के साथ इसे करते हैं।
पवन सिंह ने कहा- मुझे कोई स्पीड दे तो मान लूं
उन्होंने कहा, ‘मैं जिस सेट पर जाता हूं और वहां काम हो रहा है तो उस जगह पर ज्यादा से ज्यादा स्पीड दिखा दे तो मैं मान लूं।’ सेट पर बेहतर काम नहीं किया जा सकता। पवन सिंह ने कहा कि सारेगामा कंपनी ने सोच से आगे बढ़ने का काम किया है। पुरानी टीम बेहद ताकतवर है और इसी वजह से ये जो भी प्रोजेक्ट मार्केट में आई, उसने तहलका मचा दिया। हमारा भी कोलेबोरेशन इतिहास निर्माता है।’
सिंगल स्क्रीन थिएटर का बुरा हाल!
सारागामा स्क्रीन के सीएमडी विक्रमासुर महाराजा से जब पूछा गया कि जिस दौर में सिंगल थिएटर की हालत बहुत खराब है, वहां फिल्म की ओर जाने का निर्णय क्या सही है? इस सवाल के जवाब में विक्रम महाराजा ने कहा, ‘कुछ साल पहले जब हमने भोजपुरी के लिए एक मंच बनाया था तब भी लोगों ने हमसे यही पूछा था। जब हम कारवां का कॉन्सेप्ट लेकर आए तो लोगों ने कहा कि डिजिटल एज में डब्बे की क्या जरूरत है? लेकिन हमने अपनी मेहनत और लगन से अपना रास्ता खुद बना लिया। यहां भी जाएंगे।’
अब भोजपुरी में भी फिल्में चॉकलेट
धनुर्विद्या ने आगे कहा, ‘हम दूसरी समुद्री फिल्म तो बना ही रहे हैं अब हम भोजपुरी में भी फिल्म ‘मिर्च’ बना रहे हैं। हम यहां भी जो सब मिलकर उन्हें आगे बढ़ाएंगे अच्छी फिल्मों का निर्माण करेंगे। हम यहां भी बढ़ते हैं और इसलिए जब फिल्में अनोखी तो मुंबई में राक्षसी इंसान भी इस फिल्म से जुड़ी हुई हैं। जिस तरह के लोग दूसरी भाषा के सिनेमा को देखते हैं, इस सिनेमा को देखेंगे। इसकी शुरुआत हम कर रहे हैं और ऐसे में पवन सिंह से बड़ा सितारा कोई दूसरा नहीं हो सका। इसलिए हम उनके साथ आने वाले दिनों में पांच फिल्में करेंगे। हम विश्वास दिलाते हैं कि जिस तरह से हमने भोजपुरी गानों की दशा और दिशा बदल दी, उसी तरह हम फिल्मों को भी एक नया आयाम देते हैं।’

