देश का इकलौता एक्टर जिसकी फिल्मों के 50 से ज्यादा बार बने रीमेक, अमिताभ बच्चन भी छूते थे पैर
WoW Wednesday सीरीज में जानिए कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार रहे डॉ. राजकुमार के बारे में जिन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो शायद ही कोई तोड़ पाए। राजकुमार की कर्नाटक में एक हजार से भी ज्यादा प्रतिमाएं लगी हैं। कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन ने 2000 में राजकुमार का किडनैप भी कर लिया था।
हाइलाइट्स
- डॉ. राजकुमार अपने दौर के कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार रहे
- राजकुमार के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं, वह सिंगर भी थे
- राजकुमार का चंदन तस्कर वीरप्पन ने किडनैप कर लिया था
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की WoW Wednesday में हम आपको डॉ. राजकुमार की जिंदगी और उनके इन्हीं रिकॉर्ड्स के बारे में बताने जा रहे हैं। डॉ. राजकुमार ने कन्नड़ सिनेमा को एक अलग पहचान दी। उनकी गिनती भारतीय सिनेमा के सबसे महान एक्टरों में की जाती है। डॉ. राजकुमार, दिवंगत एक्टर Puneeth Rajkumar के पिता थे। पुनीत राजकुमार को हाल ही कर्नाटक रत्न सम्मान दिया गया।

डॉ. राजकुमार, फोटो: Twitter@FilmHistoryPic
‘भक्त प्रह्लाद’ पहली फिल्म, चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम
Dr. Rajkumar एक्टर बनने से पहले एक नाटककार थे। वह गुब्बी वीराना की ड्रामा कंपनी के साथ काम करते थे। यहीं से उनके मन में एक्टिंग का कीड़ा जगा। साल 1942 में डॉ. राजकुमार ने ‘भक्त प्रह्लाद’ नाम की फिल्म में काम किया। उस समय वह बेहद छोटे थे। आठ साल की उम्र में वह फिल्म Bedara Kannappa में नजर आए। करीब 58 साल लंबे करियर में डॉ. राजकुमार ने 208 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग की और ढेरों गाने गाए। आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ. राजकुमार की 13 फिल्मों ने बेस्ट फीचर फिल्म के नैशनल अवॉर्ड जीते।
सिंगर भी रहे राजकुमार, गाए 300 से ज्यादा गाने
डॉ. राजकुमार ने क्लासिकल सिंगिंग में ट्रेनिंग ली थी। उनकी शुरुआती फिल्मों में जहां अन्य सिंगर्स ने आवाज दी, वहीं 1974 से डॉ. राजकुमार अपनी फिल्मों के लिए खुद ही गाने लगे। राजकुमार ने अन्य एक्टरों के लिए भी गाने गाए। उन्होंने 75 म्यूजिकल नाइट्स में परफॉर्म किया और 300 से ज्यादा गाने गाए। राजकुमार की सिंगिंग की खास बात यह रही कि वह किसी भी शैली में गा लेते। फिर चाहे कव्वाली हो, गजल हो, भजन हो या फिर इंग्लिश गाने।

डॉ. राजकुमार, फोटो: Twitter@FilmHistoryPic
राजकुमार के नाम हैरान कर देंगे ये रिकॉर्ड
डॉ. राजकुमार के नाम ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड हैं, जो किसी को भी हैरान कर दें। वह इकलौते एक्टर हैं, जिन्हें अमेरिका में केंटकी के राज्यपाल द्वारा केंटकी कर्नल सम्मान दिया गया। वह एकमात्र लीड एक्टर हैं, जिन्हें सिंगिंग के लिए नैशनल अवॉर्ड मिला था। यही नहीं, राजकुमार पहले एक्टर हैं, जिन्होंने 200 कन्नड़ फिल्मों में लीड हीरो का रोल प्ले किया था। डॉ. राजकुमार ने मात्र 8 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी। बचपन से ही उनका झुकाव फिल्मों और एक्टिंग की तरफ होने लगा था। यह लाजमी भी था क्योंकि उनके माता-पिता अपने जमाने के जाने-माने थिएटर आर्टिस्ट रहे। राजकुमार ने नन्ही सी उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू किया और 25 साल की उम्र तक फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करते रहे।

फोटो: Twitter@FilmHistoryPic
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वो दिन जब दुनिया से चले गए राजकुमार
बाद में राजकुमार फिल्मों में लीड रोल करने लगे। बतौर हीरो उन्होंने कई हिट फिल्में दीं। उन्होंने फिल्मी पर्दे पर एतिहासिक से लेकर पौराणिक और रोमांटिक तक, हर तरह के किरदार निभाए और अपनी अलग छाप छोड़ी। राजकुमार ने अपने करियर में कर्नाटक के मैसूर वंश से लेकर चालुक्य वंश तक को फिल्मी पर्दे पर उतारा। लेकिन 2006 में राजकुमार की मौत हो गई। वह घर में ही सोफे पर बैठे हुए अचानक बेहोश हो गए थे। घरवाले तुरंत ही अस्पताल लेकर भागे, लेकिन राजकुमार को बचाया न जा सका। राजकुमार की मौत से पूरी साउथ फिल्म इंडस्ट्री दहल गई। फैंस का रो-रोकर बुरा हाल था। राजकुमार की आंखें दान कर दी गईं। अपने 58 साल के लंबे करियर में राजकुमार ने ढेरों अवॉर्ड और सम्मान जीते। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक में उनकी 1100 प्रतिमाएं बनाई गई हैं।

डॉ. राजकुमार, फोटो: Twitter@siima
जब वीरप्पन ने किया राजकुमार का किडनैप
उस घटना को भी कोई नहीं भूल सकता जब 2000 में कुख्यात चंदन तस्कर ने राजकुमार को उनके फार्महाउस से किडनैप कर लिया था। इसे पूरे देश में हड़कंप मच गया था। लोग राजकुमार के लिए सड़कों पर उतर आए थे। वीरप्पन ने 108 दिन बाद राजकुमार को अपनी कैद से आजाद किया था।