भुवन बम और श्रिया पिलगांवकर की वेब सीरीज 'ताजा खबर 2' प्लेटफॉर्म प्लेटफॉर्म डिज्नी एडवेंचर हॉटस्टार पर रिलीज हो गई है। इस वेब सीरीज में गौरी प्राइम तेजवानी ने कैमियो किया है। वहीं जावेद जाफ़री ने विलेन का किरदार निभाया है।
डिज़्नी एडवाइजर हॉटस्टार पर सैस्पेंस एम्बेलिशमेंट वेब सीरीज 'ताजा खबर' का दूसरा सीजन रिलीज हो गया है। अगर आप भुवन बम के असली फैन हैं तो ये सीरीज देखकर इमोशनल हो जाएंगे। जावेद जाफ़री ने माउथ से डायलॉग सुन 'वाह' प्रतिभा का परिचय दिया। लेकिन पूरे छह एपिसोड देखने के बाद अपना सिर पकड़ लिया। क्यों? 'ताजा खबर 2' का स्पॉइलर फ्री रिव्यू पढ़ें।
ये है सीरीज की कहानी (स्पॉइलर फ्री)
सीज़न 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पहले सीज़न की कहानी ख़त्म हुई थी। स्प्रिंग गावड़े (भुवन बम) के पास ताजा खबर है कि उद्योगपति स्प्रिंग गावड़े की हत्या हो गई है। इस खबर के आने के बाद वसंत गावड़े के फोन पर ताजा खबर आती है और फिर उसकी हत्या हो जाती है। शहर का सबसे बड़ा डॉन यूसुफ (जावेद जाफ़री), स्प्रिंग गावड़े की मय्यत पर नजर रखता है और उसके पार्थिव शरीर का अपमान करता है। इतना ही नहीं, वह स्प्रिंग से 1000 करोड़ रुपये भी वसूलता है, लेकिन कैसे? वसंत की तो हत्या हो गई है? ये देखने के लिए आपके लिए डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 'ताजा खबर 2' का 6वां एपिसोड देखना पड़ेगा।
भुवन बम की विशेषताएं
भुवन बम 'ताजा खबर' के पहले सीजन की तुलना में दूसरे सीजन में सबसे ज्यादा कॉन्फिडेंट लग रहे हैं। उन्होंने इमोशनल सीन्स में सबसे बेहतर काम किया है। जो लोग भुवन को जानते हैं उनसे पता चलता है कि भुवन रियल लाइफ में अपने माता-पिता से बहुत ज्यादा जुड़े हुए थे और कोरोना की वजह से उनके माता-पिता का निधन हो गया था। ऐसे में इस सीरीज के कुछ सीन्स आपको इमोशनल कर देंगे। आपको ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि भुवन इन सीन्स में अभिनय कर रहे हैं। आपको यकीन है कि भुवन सच में अपने माता-पिता से ही बात कर रहे हैं।
जावेद जाफरी और अन्य कलाकार
'लोग बाल नहीं होते, तिरछे तिरछे होते हैं, चिल्लाते हुए कहते हैं, लोग ही तिरछे होते हैं…', ये लावण्य मोती जाफ़री का है। उन्होंने सीरीज में मजेदार तरीके से ये डायलॉग बोला है और शानदार अभिनय किया है। श्रिया पिलगांवकर, देवेन भोजानी और प्रथमेश परब ने भी ठीक-ठाक काम किया है। गौरी प्रधान तेजवानी और स्टूडियो शुक्ला ने भी अच्छा काम किया है।
यहां देखें सीरीज
लेखक अब्बास और बोस्नियाई अखबार ने 'ताजा खबर सीजन-2' के बोल बहुत अच्छे लिखे हैं। लेकिन, वे 'ताजा खबर 2' की कहानी में सस्पेंस और थ्रिल का तड़का चलाना ही भूल गए हैं। टेलीकॉम में जावेद जाफ़री का किरदार स्ट्रॉंग दिखाया गया है, सीरीज़ में उनका किरदार मशहूर नहीं मिला। ऐसा लगा जैसे लेखक ने बिना कुछ सोचे जावेद जाफरी के किरदार का परिचय दिया और उस किरदार को अंतिम रूप दे दिया। हबल भाई (देवेन भोजानी) और मधु (श्रिया पिलगांवकर) का भी किरदार फिका दिखाया गया।
कहानी निर्देशन समय कर दी ये बड़ी गलती
इसी श्रृंखला की कहानी भाग्य और चमत्कार की अवधारणा बुनी गई थी, लेकिन श्रृंखला के दूसरे सीज़न की कहानी के लेखक इस अवधारणा को ही भूल गए। ऐसे कई सारे सीन थे जहां वो इस कॉन्सेप्ट को बहुत अच्छी तरह से बुन सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उदाहरण के तौर पर- एक सीन आता है जिसमें हबल भाई (देवेन भोजानी), मधु (श्रिया पिलगांवकर) की तरफ इशारा करते हुए बसंत (भुवन बम) से कहा जाता है कि तेरा लक्ष्मी तेरे से रूठ गई है। है. इस डायलॉग को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि जब वसंत आता है, तो मधु को मना लिया जाता है, तब उसकी किस्मत चमकाने लगती है। हालाँकि, ऐसा होता नहीं है।
नेपाली गाने का इस्तेमाल किया गया
'ताजा खबर 2' का जब टेलिकॉम आया था तब नेपाल के लोग खुश हो गए थे क्योंकि टेलिकॉम में नेपाली गाना 'पैसा' का इस्तेमाल किया गया था। ये गाना बहुत अच्छा और बहुत मशहूर है, लेकिन सीरीज में इस गाने का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया है। अगर इस गाने की सीरीज में सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो वो इस सीरीज की सारी सच्चाई को छिपा देता है।
देखें या नहीं?
अगर आप भुवन बम के फैन हैं तो जरूर देखें। वे अद्भुत अभिनय की हैं। कहीं-कहीं तो वो तुम्हें रोने पर भी मजबूर कर देगा। अगर आपने 'ताजा खबर 1' देखी है तो आप 'ताजा खबर 2' देख सकते हैं।