Saturday, October 12, 2024
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तवायफों पर संजय लीला भंसाली फिल्में क्यों बना रहे हैं? बताया था- वेश्याओं को क्या करते देखा…


संजय लीला भंसाली की 'कहानी' सीरीज हीरामंडी इन दिनों चर्चा में है। फिल्म आजादी से पहले की कहानी है। इसमें लाहौर के हीरामंडी इलाके की वेश्याओं की जिंदगी के किस्से होंगे। इससे पहले रेड लाइट एरिया के बैकड्रॉप पर बनी आलिया भट्ट स्टारर फिल्म गंगूबाई को काफी बुरा मिल चुका है। भंसाली की फिल्म देवदास में भी एक तवायफ चंद्रमुखी अहमद चरित्र में थी। संजय लीला भंसाली की फिल्मों में वेश्यालय और रेड लाइट एरिया बड़ी भव्यता से दर्शन किए जाते हैं। इस विषय से उनके खास लगाव की क्या वजह है, संजय लीला भंसाली एक पुराने इंटरव्यू में बता चुके हैं।

रेड लाइट एरिया के पास हैं भंसाली
संजय लीला भंसाली ने एक बार फिर से संवेदनशील विषय पर काम किया है। उनका आगामी प्रोजेक्ट हीरामंडी प्लांट पर देखा जा रहा है। यह सीरीज पाकिस्तान के रेड लाइट एरिया की कहानी है। संजय की फिल्मों में वेश्याओं की जिंदगी को हमेशा बड़ी संवेदनशीलता से दिखाया जाता है। वह फिल्म कम्पनियों से बातचीत में इस विषय से जुड़ी गतिविधियों के कारण बता चुके हैं। भंसाली ने बताया कि वह मुंबई के रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा के पास एक चाल में पले-बढ़े हैं। उन्होंने बचपन में वो करीब से देखा है।

बचपन की वो बात मत भूलो
संजय लीला भंसाली ने कहा था, आप जो बचपन में होते हैं उसके प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। उन्होंने सेक्स वर्कर्स को मशीनों के सामने 20 रुपये के लिए खुद को चार्ज करते देखा है। संजय बताते हैं, किसी इंसान की कीमत 20 रुपये कैसे हो सकती है? कुछ चीजें थीं जो मेरे दिमाग में रह गईं। लेकिन मैं उन्हें ठीक से कह नहीं पाया। मैं उनके चंद्रमुखी के जरिए तलाशता हूं…हम अनमोल हैं, हमारी कीमत नहीं बढ़ाई जा सकती। हम 5, 20 या 50 रुपये में नहीं बेच सकते। यह अप्रामाणिक है।

मेकअप के पीछे का दर्द
भंसाली ने बताया था, जब आप हर रोज स्कूल जाते हैं और यह सब देखने के लिए संवेदनशील होते हैं… लेकिन उनके किरदार पर कई कहानियां होती थीं। वे खूब मेकअप करती थीं। वे बहुत सारा पेंट और पाउडर लगाती थीं, उनका दुख तो देखिए। आप वो दुख कैसे छिपा सकते हैं। आप नहीं छिपा सकते। बड़े से बड़ा मेकप कलाकार भी ऐसा नहीं कर सकता। वही पल होते हैं, एक फिल्म निर्माता के तौर पर यही टूटे हुए हैं। बात करें हीरामंडी की तो संजय लीला भंसाली बता चुके हैं कि फिल्म की स्क्रिप्ट मोइन बेग ने 14 साल पहले लिखी थी। भंसाली अन्य प्रोजेक्ट्स में बिजी थे तो इस पर काम नहीं कर पाए।



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