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संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म एनिमल को लेकर इंडस्ट्री के लोगों की दो तरह की राय है। कुछ लोग फिल्म की आलोचना कर चुके हैं। जावेद अख्तर उनमें से एक हैं। कैंट, जज़्बात और काबिल जैसी फिल्मों के निर्देशक संजय गुप्ता की फिल्म को गेम चांगर मानते हैं। संजय ने एनिमल की स्टारडम की और अख्तर अख्तर की राय पर भी दोस्ती की। संजय ने कहा कि कामसूत्र और खजुराहो की धरती पर लोग सेक्स एजुकेशन की बात नहीं करते, ये पाखंड है।
हम पाखंडी लोग हैं
निर्देशक संजय गुप्ता ने सिद्धार्थ कन्नन के शो में तारा कपूर स्टारर फिल्म एनिमल पर बात की। उन्होंने कहा कि अब एनमिल ने फिल्म निर्माताओं की दुनिया बदल दी है। वह अब वांगा की तरह की विचारधारा की कोशिश करेंगे। संजय कोलम्बिया हैं, संदीप ने कई लोगों से दोस्ती कर ली। यही बात फिल्म के लिए साबित हुई। हम कामसूत्र और खजुराहो के देश से सेक्स एजुकेशन के बारे में बात नहीं करते। हम अजातशत्रु पाखंडी वास्तुशास्त्री हैं।
जानवरों की साइदो दिलचस्प फिल्में
संजय ने बताया कि हाल ही में वह एक फिल्म के फाइनलिस्ट थे। वहां अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने जैसी फिल्मी रिसर्च से बात की। इंसान को लगा कि जिंदगी अब प्री और पोस्ट एनिमल हो गई है। संजय ने कहा कि उनकी आने वाली स्क्रिप्ट एनिमल की परछाई होगी। संजय बोले, अब मैं सोचूंगा कि सचा होता तो इस सीन को कैसे करता।
बदल गया है समाज
संजय से जब एनिमल पर जावेद अख्तर के विचारों की बात की गई तो उन्होंने कहा, वह इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि समाज ने भुगतान किया है। हम वे लोग नहीं हैं जो 10 साल पहले थे। हमारे अंदर वो वाली करुणा नहीं है। हमारे अंदर पहले जैसा साहस नहीं है। देखो नी को कैसे प्रभावित किया जा रहा है। हम पहले पसंद नहीं करेंगे इसलिए फिल्मों को समाज के लिए दोष देना या उसका उल्टा करना ठीक नहीं है।
अनुराग का किया समर्थन
बता दें कि अजंता-एलोरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जावेद अख्तर ने एनिमल को ‘खतरनाक’ कहा था। उन्होंने कहा था कि अगर किसी फिल्म में महिला को कॉटन चैट के लिए बुलाया जाए और फिल्म सुपरहिट हो रही है तो यह खतरनाक है। संजय बोले कि अनुराग कश्यप ने संदीप का बचाव करके ठीक किया। उनका कहना है कि फिल्म से परेशानी रखो फिल्ममेकर से नहीं। जबकि जानवरों में लोगों को संदीप रेड्डी वांगा से परेशानी है।