अनु अग्रवाल जीवन कहानी: अगर आप कोई सपना देखें और वो सपना आपको मिले तो क्या देखें। बॉलीवुड भी सपनों की दुनिया है और जब यहां सपने साकार होते हैं तो बस जादू होता है। ऐसा ही कुछ हुआ था 90 के दशक में अनु अग्रवाल (अनु अग्रवाल) और राहुल रॉय (राहुल रॉय) के साथ। जब पहली ही फिल्म में वैक्सिया के आकाश पर सितारे और आंखों के सामने जो आया वो किसी सपने की तरह ही था। अनु अग्रवाल के करियर की पहली फिल्म आशिकी (आशिकी मूवी) थी। जब ये रिलीज हुई तो किसी को पता नहीं चला कि ये क्या होने वाला है और फिर जो हुआ वो हिंदी सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया।
जबरदस्त हिट रही थी फिल्म
आशिकी फिल्म से पहले अनु अग्रवाल का नाम तक लोगों ने नहीं सुना था। यहां तक कि फिल्म के पोस्टर में भी उनका चेहरा रिवील नहीं किया गया था. जब भी लोगों ने ये फिल्म देखी तो उनके लिए सब कुछ सरप्राइज ही था। फिल्म को लोगों ने इतना प्यार दिया कि उस वक्ता हर लड़के अनु अग्रवाल का दीवाना हो गया। कहा जाता है कि उनके घर से दूर तक छात्रों की लाइन देखी गई और एक वक्ता से ऐसा कहा गया कि उनके घर से बाहर तक निकलना मुश्किल हो गया था।
तीन दीवाने फिर भी आज तक हैं कुँवारे
3 दशक पहले इस फिल्म में अनु अग्रवाल ने खूब लोकप्रियता हासिल की थी लेकिन इसके बावजूद आज 53 की हो चुकीं एक्ट्रेस अभी तक कुख्यात ही हैं। शायद इसके पीछे की वजह 1999 में हुआ वो हादसा है जिसने एक्ट्रेस की जिंदगी को पूरी तरह से खत्म कर दिया। एक कार रिक्रूटमेंट में अनु कोमा में चली गई। वो ठीक है तो अनपेक्षित चोट लेकिन का असर कई सागरों तक उनके जहां में रहा। 2 साल बाद ही उन्होंने सनातन धर्म का निर्णय ले लिया और खुद को दुनिया से दूर कर लिया। वो धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं और आज पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन सभी को आशिकी सिखाने वालीं अनु जिंदगी की राह पर खुद ही सोचते हैं।