Saturday, February 8, 2025
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जब कंगाल अमिताभ बच्चन ने नहीं लिया धीरूभाई के पैसे, भरी महफ़िल में बोले थे अंबानी- ये गिर गई…


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अमिताभ बच्चन ने 90 के दशक में बुरा वक्त देखा है। उनकी कंगाली की कहानी ज्यादातर लोग जानते हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। उन्होंने बताया कि धीरूभाई अंबानी ने अपने बेटों से कैसे मदद मांगी थी। इतना ही नहीं जब अमिताभ बच्चन कर्ज से बाहर आए तो भरी महफ़िल में धीरूभाई ने कुछ ऐसा कहा कि उन्हें बिग बी ट्राइसेज़ से सबसे ज़्यादा क़ीमत मिलती है। यह घटना फोटो-बताटे में अमिताभ बच्चन भावुक हो गए। वहां मौजूद मुकेश अंबानी भी इमोशनल हैं।

जब धीरूभाई को पता चला कर्ज की बात
इस क्लिप में अमिताभ बच्चन शामिल हैं, जीवन में एक बार ऐसा दौर आया जब मैं बैंकरप्ट हो गया, दिवालिया हो गया। मेरी बनाई हुई कंपनी एरिज़ोना में चली गई। करोड़ों का कर्ज़ा चढ़ गया। मेरा व्यक्तिगत बैंक बैलेंस जीरो हो गया। कमाई के सभी तरीके बंद थे और सरकार की तरफ से घर पर कुर्की के इरादे लग गए थे। ये बात धीरूभाई को पता चली। बिना किसी से पूछे या जाने उन्होंने अपने छोटे बेटे और मेरे दोस्त अनिल से कहा, बात खराब है, इसे कुछ पैसे दे दो। अनिल ने मुझे ये बताया।

बिग बी ने नहीं ली मदद
देवियों और सज्जनों की चाहत वो हो गई, जो मेरी सारी परेशानियां और परेशानियां खत्म हो गईं। उनकी उदारता पर मैं भावुक हो गया। लेकिन मुझे लगा कि मैं उनकी उदारता को स्वीकार नहीं कर पाऊंगा। ईश्वर की कृपा रही और कुछ संकट के दिनों के बाद समां परिवर्तन। काम की तलाश शुरू हुई। और धीरे-धीरे-धीरे-धीरे मैं अपने सारे कर्जे निकालता पाया। एक शाम धीरूभाई के निवास स्थान पर एक दावत के अवसर पर मुझे भी आमंत्रित किया गया। लोन के ऊपर एक तरफ धीरूभाई बड़े से महीने में अपने कुछ दोस्त फाइनेंसियल और कार्पोरेट वर्ल्ड के कुछ दिग्गजों के साथ बैठकर बातें कर रहे थे।

धीरूभाई के शब्द – डॉ से भी कीमती धीरूभाई के शब्द
मुझ पर नजर रखी तो मुझे बुलाया। मैंने कहा कि यहाँ आ मेरे पास बैठो। बड़ा मुझे अजीब लगा। मैं ने क्षमा करते हुए कहा, मैं यहां अपने मित्रों के साथ हूं। बाकी ठीक है। उन्होंने मुझे जिद की और पकड़ लिया। फिर उस दिग्गजों की महफ़िल में उन्होंने कहा, यह लड़का गिर गया था। लेकिन आपकी ताकत फिर से कायम हो गई। मैं इसकी इज़्ज़त करता हूँ। उनके ये व्यवहार और उनके ये शब्द मेरी अपील याचिका से बहुत अधिक मूल्यवान थे कि उन्होंने मुझे मेरे संकट से बाहर आने के लिए तैयार किया था। ये उनका व्यक्तित्व था.



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