एक्ट्रेस और सासंद कंगना रनौत की 'इमर्सेंसी' अभी तक अटकी हुई है। गुरुवार को बम्बई उच्च न्यायालय में इसे लेकर सुनवाई हुई। जहां सेंट्रल फिल्म सर्टिफिकेट बोर्ड (सीबीएफसी) ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म 'इमरजेंसी' के कुछ सीन्स रिलीज होने के बाद फिल्म को सर्टिफिकेट लेटर जारी किया जा सकता है। वहीं 'इमरजेंसी' ने सेन्सारस बोर्ड पर सीमेंट के विज्ञापन में देरी का आरोप लगाया है। किस फिल्म की रिलीज डेट तक बताई गई थी तारीख.
'इमर्सेंसी' फिल्म पहले छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन फिल्म की रिलीज सेंसर बोर्ड से नहीं मिली। ऐसे में फिल्म को टालना पड़ा। इसी से सेंसर बोर्ड के साथ मिलकर चल रहा है कांग्रेसी नेता का विवाद. रियाल्टार ने इस फिल्म का निर्देशन किया है और वह इसकी सह-निर्माता भी हैं। उन्होंने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी मुख्य भूमिका निभाई है।
गुरुवार को कोर्ट में क्या हुआ
पृष्णि ने गुरुवार को सीबीएफसी से पूछा कि कौन सी फिल्म को लेकर ''अच्छी खबर'' है। सीबीएफसी की ओर से पेश हुए वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि बोर्ड की पुनरीक्षण समिति ने अपना फैसला ले लिया है। उन्होंने कहा, ''समिति ने प्रमाण पत्र जारी करने से पहले कुछ दृश्यों को हटाने की सिफारिश की है। इसके बाद फिल्म रिलीज हो सकती है।''
'इमरजेंसी' के क्वार्टर ने किया ये ऑफर
वहीं, 'इमर्सेंसी' के क्वार्टर ने कोर्ट में कहा कि इस बारे में निर्णय लेने के लिए समय दिया गया कि फिल्म से दृश्य हटाए जाएं या नहीं। इसके बाद पृचिन ने अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की।
'इमर्सेंसी' फिल्म तब बनी जब शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इस पर कुछ सिखाए गए लोगों को शामिल किया। उन्होंने कहा कि फिल्म में कम्यूनिटी को गलत तरीके से पेश करने और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने का आरोप लगाया गया है। बबई के अलावा मध्य प्रदेश कोर्ट में भी इसे लेकर मामला चल रहा है।
कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को झटका दिया था
त्राण बी. पी. कोलाबावाला और गणतंत्र फिरदौस पुनीवाला ने पिछले हफ्ते फिल्म का प्रमाण पत्र जारी करने पर निर्णय नहीं लेने के कारण सीबीएफसी को हटा दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि सेंसर बोर्ड में ऐसे कर्मचारियों को नहीं रखा जा सकता है और उन्हें किसी भी तरह से अपना निर्णय नहीं लिया जाएगा अन्यथा यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अलगाव की स्थिति के समान होगी।
कोर्ट ने सीबीएफसी को 25 सितंबर तक अपना फैसला लेने का निर्देश दिया। फिल्म सह-निर्माता ने उच्च न्यायालय में सीबीएफसी कोंकण द्वारा निर्देशित फिल्म 'इमरसेन्सी' के लिए साक्ष्य पत्र जारी करने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की थी।
पहले दिया था शॉप? फिर लिया सेंसर बोर्ड ने यू-टर्न!
'इमर्सेंसी' फिल्म क्रैन्सिल ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म को प्रमाण पत्र दे दिया है लेकिन वह इसे जारी नहीं कर रही है। पिछले सप्ताह उन्होंने आरोप लगाया था कि राजनीतिक और हरियाणा में आगामी चुनाव की आदर्श फिल्म को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है।
एजेंसी: एजेंसी
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