Saturday, October 12, 2024
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कोटा फैक्ट्री स्पॉयलर अलर्ट: कोटा से जीतू भैया की विदाई कर देगी इमोशनल, आपके साथ रह जाएंगे सीरीज के ये पल


कोटा फैक्ट्री सीजन 3 प्रभावशाली पर रिलीज़ हो गया है। हर सीजन की तरह ये सीजन भी आपके दिल को छू जाएगा। कोटा फैक्ट्री का सीजन 3 आपको बहुत सी चीजें सोचने पर मजबूर कर देगा। इस सीजन में आप दोस्ती देखेंगे, ईर्ष्या करेंगे और बच्चों को जो सवाल सबसे ज्यादा परेशान करता है उस पर बात होती देखेंगे। कोटा फैक्ट्री सीजन 3 सीरीज शिक्षा नीति पर भी बात करती नजर आएगी।

जीतू भैया और सर के बीच हुई जूनियर एन की लड़ाई

कोटा फैक्ट्री का सबसे पसंदीदा किरदार जीतू भैया का है। जिस तरह से जीतू भैया अपने अनुभवों से कनेक्ट होते हैं, हर स्टूडेंट चाहता है कि उसके जीवन में भी एक जीतू भैया हो। हालांकि, इस सीजन में जीतू भैया खुद रूढ़िगत में उलझे नजर आएंगे। इस सीजन में जीतू भैया इस सवाल के बीच उलझे नजर आएंगे कि वो बच्चों के लिए जीतू सर हों या भैया।

कोटा कोऑपरेटिव सीजन 2 में मैंने देखा था कि एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली थी। इस सीजन में आप देखेंगे कि जीतू भैया अभी भी उस घटना से उभर कर सामने नहीं आए हैं। जीतू भय्या उस घटना से इतने प्रभावित होते हैं कि वो लोगों से दूरियां बना लेते हैं। जीतू भैया के डिप्रेशन फेज को जिस तरह उनके घर की दीवारों से जोड़ कर दिखाया जाता है, वह वाकई में काबिल है।

बच्चों को गाइड करने वाले जीतू भैया इस बार खुद अपने सवालों के जवाब तलाशते नजर आएंगे। अपनी हालत को सुधारने के लिए जीतू भैया मेंटल हेल्थ थेरेपिस्ट की मदद लें नजर आएंगे।

इस सीजन में कुछ ऐसे सीन्स और छोटे-छोटे पल हैं जो आपको इमोशनल कर देंगे। आप एक सीन में देखेंगे कि कैसे जीतू भैया बच्चों के सबसे बड़े सवाल, सेटल कब होंगे?' का जवाब भी उन्हें देंगे।

उम्मीद पर होगी बात?

मानवीय स्वभाव ऐसा होता है कि जब वह किसी को अपने से बेहतर करता है तो सामने वाले से उसकी ईर्ष्या होती है। इस सीजन में आप वो भी देखेंगे। वैभव (मयूर मोरे) अपने कजिन को कोटा बुलाता है जो अभी आईपीएल ट्रायल्स देकर आया है। उसके कोटा आने के बाद वैभव के दोस्त उसके भाई से इस तरह जुड़े हुए हैं कि वैभव को ईर्ष्या होने लगती है। वहीं, जब उसके भाई का सिलेक्शन आईपीएल के लिए हो जाता है तब वैभव की ईर्ष्या सामने आती है। तब जीतू भैया बच्चों के गाइड बनाकर उन्हें समझाते हैं कि किसी की भी उम्र आसान नहीं होती। अपने एम को अचीव करने के लिए हर किसी को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अगर कोई अपना एम अचीव करता है तो हमें उसका जश्न मनाना चाहिए।

कोटा में बालमुकुन्द मीनार को होगी आर्थिक तंगी

बालमुकुन्द मीना (रंजन राज) की जो समस्या इस सीरीज में दिखाई दी है, वह शायद गांव से आने वाले कई बच्चों से कनेक्ट कर देगी। उसकी परेशानियाँ आपके दिल को भी सोचने पर मजबूर कर देंगी। गांव में सूखा पड़ने के कारण बालमुकुंद के माता-पिता उसे पैसे नहीं दे पाते। बालमुकुंद इस मुसीबत से अकेले जुनता नजर आएंगे। स्वाभिमान के कारण वो अपने दोस्तों को अपनी परेशानी नहीं बताता, लेकिन जब जीवन में सच्चे दोस्त होते हैं तो उन्हें खुद ही दोस्त की हालत की खबर हो जाती है। हालांकि, बालमुकुन्द दोस्तों, पसीने की मदद लेने को मना करता है।

आर्थिक तंगी से बचने के लिए बालमुकुंद पढ़ना शुरू करेगा। ऐसे में एक बार फिर जीतू भैया उन्हें गाइड करने का रोल निभाएंगे। वो समझेंगे कि जरूरत के वक्त दोस्तों से मदद लेने में कुछ गलत नहीं है। वो एपिसोड कि कैसे खुद को फोकस रख कर अध्ययन करना जरूरी है। आज की मुसीबत के लिए आप आनेवाला कल दांव पर नहीं लगा सकते। बालमुकुंद की परेशानी और उसकी मेहनत आपको जरूर इमोशनल कर देगी।

जब मस्तमौला उदय को होगा गलती का एहसास
उदय गुप्ता (आलम खान) का किरदार ऐसा लिखा गया है जो हर वक्त मस्ती में रहता है। कोटा के अन्य बच्चों की तरह वो तनाव नहीं लेता है, लेकिन इस सीजन में उसके जीवन में जो घटनाएं घटेंगी वो आपके एंडरसन को जरूर नम कर देगी। इस सीजन में आप देखेंगे कि उदय गुप्ता का एक्सीडेंट होगा और उसके मम्मी-पापा कोटा आएंगे। शराब पीने की वजह से उसका एक्सीडेंट होगा। ऐसे में आप देखेंगे कि उदय गुप्ता को अपने माँ-बाप का भरोसा तोड़ने का गिल्ट होगा। वो उसे कोटा से वापस ले जाने की बात करेंगे। उदय और उसकी मां के बीच की बातचीत आपको भावनात्मक कर देगी।

जीतू भैया नहीं उठेगी मां को समझाएगी पूजा

इस बार शो में पूजा दीदी (तिलोत्तमा शो) भी दर्शकों का दिल जीत लेगी। जीतू भैया की तरह ही पूजा दीदी भी बच्चों को समझती हैं। पूजा दीदी का चरित्र आपको समझाएगा कि कैसे बच्चों को अपनी नजरों के सामने मूल्यांकन ठीक नहीं किया जा सकता है। पूजा दीदी और उदय की मां के बीच हुई बातचीत आपको सोचने पर जरूर मजबूर करेगी। आप इस बात को भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कैसे मां-बाप अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हर कोशिश करते हैं और क्या होता है जब मां-बाप का ये भरोसा टूटता है।

कोटा को लेकर पूजा दीदा का ये डायलॉग भी शायद आपके जहन में रह जाए। सीरीज में वो शिकायतें नजर आती हैं- कोटा फैक्ट्री बन चुका है। जहां पहले धीरे-धीरे तरक्की करने वाले बच्चों को काबिल बनाया जाता था, वहां अब मास प्रोडक्शन लग गई है।

जीतू भैया का फेयरवेल

सीजन के अंत तक आप देखेंगे कि जीतू भैया अपने सवाल का जवाब ढूंढेंगे। वो समझेंगे कि उन्हें जीवन में आगे क्या करना है। जीतू भैया कोटा छोड़ का फैसला लेंगे। शो के अंत में जीतू भैया की कोटा से विदाई यकीनन आपकी आंखों को नम कर देगी। जीतू भैया को बच्चे तोहफे और आंखों में आंसू के साथ विदा करेंगे।

वहीं, शो के अंत में आप उन कुछ सवालों को भी समझ पाएंगे जो कोटा में पढ़ते रहे बच्चों के मन में तब आते हैं जब उनकी सिलेक्शन नहीं हो पाती। बहुत मेहनत के बाद भी वैभव का सिलेक्शन जेईई में नहीं मिल सकता। जब उसका एम टूटता है तो जीतू भैया उसे समझाते नजर आएंगे। उस वक्त वैभव के जो सवाल होते हैं वो शायद कई बच्चों के मन में आते होंगे।



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