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आज के वक्त में भोजपुरी के बड़े स्टार्स में से एक हैं दिनेश लाल यादव निरहुआ। उत्तर प्रदेश के प्लास्टिक में सामांय निरहुआ एक साधारण परिवार से आते हैं। उनका बचपन का काफी वक्त कोलकाता में बीता है जहां उनके पिता एक जोरदार काम करते थे। निरहुआ की पढ़ाई-लिखाई कोलकाता से हुई है। उसके बाद वह गांव वापस चला गया। पढ़ाई ख़त्म करने के बाद नौकरी करने की बजाय उसने सिंगिंग करने के बारे में सोचा। गायकी उन्हें न्याय में मिली थी। उनके पिता, पिता के बड़े भाई और कजिन सभी छुट्टियां मना रहे थे।
पिता ने कहा
भोजपुरी के मशहूर लिरिक्स राइटर प्यारे लाल यादव अपने कजिन हैं। निरहुआ ने अपनी सलाह दी तो उन्होंने गाने के लिए कहा। शुरुआत में तो उन्हें संघर्ष भी करना पड़ा। वह आस-पास के मे गाने जाते थे। कई बार रात को पैसे भर गाए लेकिन सुबह ही नहीं मिले। अंतिम वक्ता फिर उन्हें पैदल ही घर आना। ऐसे ही जा रहे थे तो उन्होंने गायकी को छोड़ने का फैसला किया लेकिन उनके पिता ने उधम स्केल कर दिया। पिता ने कहा था कि जो लोग आज उन्हें भाव नहीं दे रहे हैं, एक दिन यही लोग आपसे मिलने के लिए तरसेंगे।
कम उम्र में ही पिता का निधन हो गया था
निरहुआ लगातार गाने गा रहे हैं। जब वह 19 वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई। घर के बड़े बेटे की वजह से परिवार की सारी ज़िम्मेदारी सामने आ गई। निरहुआ पहले तो सिर्फ स्टेज शो कर रहे थे और फिर उन्होंने एलबम करने का फैसला किया। उनका पहला एलबम ‘बुढ़वा में दम बा’ था। उनका ये एलबम खूब चला। लोग धीरे-धीरे-धीरे-धीरे उन्हें देखने लगे। 2003 में उनका एक और एल्बम निरहुआ सटल रहे रिलीज हुआ। उस एलबम को निरहुआ म्यूजिक कंपनी में वापस गांव आ गया और खेती करने में बिजी हो गई। उन्होंने सोचा कि बारिश ख़त्म होने के बाद वापस शहर जाएँ।
गाना सुनने के लिए अभिषेक भारी भीड़
एक और एलबम रिलीज हो गया था और गांव में ही निरहुआ एक प्रोग्राम के लिए जा रहे थे। रास्ते में उनके सामने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। पहले तो उन्हें लगा कि यह कोई मेला लगा है। वह ऑर्थोडॉक्स के लिए जाना जाता है कि उनके कार्यक्रम में जाना है तो लोगों ने बताया कि कार्यक्रम होना है। निरहुआ इतनी भीड़ देखकर हैरान रह गए। दूर-दूर तक सिर्फ लोग ही लोग थे। तब भीड़ के बीच लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया ‘निरहुआ सटल रहे’। तब उन्हें समझ आया कि गाना सुनने वाले लोग आ गए हैं और फिर रात भर वे वही गाना गाने चले गए। इस एलबम ने उन्हें दिनेश लाल यादव से ‘निरहुआ’ बना दिया।