‘इंडिया लॉकडाउन’ मूवी को शेयर किए गए विनिंग डायरेक्टर डायरेक्टर सेक्सी वेयरकर ने निर्देशित किया है। इसमें श्वेता बसु प्रसाद, प्रतीक बब्बर, अहाना कुमरा, साईं ताम्हनकर और प्रकाश बेलावाड़ी ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
फिल्म का टेलीफ़ोन करता है सच्चाई
अब बात करते हैं इंडिया लॉकडाउन फिल्म के टेलीकॉम की। इसमें दिखाया गया है कि जब देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो अलग-अलग तबके के लोगों को क्या-क्या बढ़ाना पड़ा। लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए। जो अमीर थे, वो खुश थे। उन्हें अपने साथ या परिवार के साथ पूरा समय देने का मौका मिला। लेकिन जो लोग किसी के घर में काम करते थे, उनका एक वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुहाल हो गया। बच्चों का पेट पालने के लिए बुरा काम तक करने पड़ते हैं। जब कोई रास्ता नहीं दिखा, तब मीलों तक पैदल चलकर घर लौटना पड़ा। लेकिन ये घर लौटना भी आसान नहीं था। यही नहीं, उस समय जब एंबुलेंस की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब इसमें ‘अन्य काम’ भी शामिल थे। यानी उस मुश्किल दौर में भी लोगों का लालच खत्म नहीं हुआ था। फिल्म का टेलीकॉम लॉकडाउन के बाद क्या हुआ, इसकी वजह से रूबरू पहल है और इस वजह को देखकर आप सहर्ष आ जाएंगे।
इन किरदारों में नज़र आए स्टार्स
इस फिल्म में अमित जोशी ने गण साह और मधुर भंडारकर के साथ मिलकर लिखा है। फिल्म में सिंबल बब्बर और साईं ने प्रवासी काम करने वाले कपल की भूमिका निभाई है, हर दिन कोरोना लॉकडाउन की वजह से नौकरी जाती है। श्वेता ने जिस्म बेचने का धंधा करने वाली लड़की का रोल स्थिर है। अहाना ने पायलट का किरदार निभाया है। वहीं प्रकाश एक मजबूर पिता के रोल में आ गए, जो परिवार से दूर दूसरे शहर में फंस गए थे। वो समय उनकी बेटी की जिंदगी का सबसे मुश्किल समय था, लेकिन सब कुछ बंद होने की वजह से वो सही समय पर परिवार तक नहीं पहुंच पाए थे।
India Lockdown Trailer: कोरोना महामारी के दौरान देश की हुई दुर्दशा को दिखाता है ‘इंडिया लॉकडाउन’, टेलीकॉम रिलीज
2020 में लगा था पहला लॉकडाउन
बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना वायरस ने देश में पैर पसारना शुरू किया था। खराब स्थिति पर सरकार ने पहले 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया था। उस समय पूरा देश बंद हो गया था। सड़कें खाली हो गई थीं। मास्क लगाना अनिवार्य हो गया था। हालात तब और भी ज्यादा बिगड़ गए थे, जब कोरोना की दूसरी लहर ने हमला किया था। उस समय ऑक्सीजन की कमी के कारण न जाने कितने कारण होंगे। आर्कटिक में जगह नहीं बची थी। ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं मिल रहे थे। यहां तक कि शमशान घाट में लाश तक दिखाई देने की जगह नहीं बची थी। वो समय किसी बुरे सपने से कम नहीं था।
फिल्म कब और कहां देख सकते हैं
आप इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं। ये फिल्म 2 दिसंबर 2022 को ZEE5 पर रिलीज हो रही है।